Top - Brief Description of Indus Valley Civilization (Harappan Civilization)
Here we are presenting a brief description of Indus Valley Civilization (Harappan Civilization) which is very useful for students preparing for competitive exams like UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS and Railways.
Indus
Valley Civilization is one of the four early civilizations of the world
(Mesopotamia or Sumerian civilization, Egyptian civilization and Chinese
civilization).
1.
This civilization comes under the Bronze Age (Tamrapolithic period).
2.
The civilization extended to Balochistan in the west, to Alamgirpur (Uttar
Pradesh) in the east, to Daimabad (Maharashtra) in the south and to Manda (Jammu
and Kashmir) in the north.
3.
This civilization was dominated by farmers and traders, due to which this
civilization is known as agro-commercial civilization.
4.
This civilization is also known as Harappan civilization because in 1921, this
civilization was first discovered through excavation under the supervision of
Dayaram Sahni at a place called Harappa.
5.
Based on radiocarbon dating, the period of Indus Valley Civilization has been
determined around 2500–1750 BCE.
6.
The most prominent feature of this civilization was its "city
planning". During this civilization the cities were divided into two parts
Durg (occupied by the ruling class) and the lower city (the abode of the common
people).
7.
Dhaulavira is the only site of this civilization where the city was divided
into three parts.
8.
Chahundaro was the only city with no fortifications.
9. In
this civilization, the city planning was based on the "grid system".
The people of this civilization used baked bricks for building. Apart from
this, good management of drains, fortification fort and absence of iron tools
were the main features of this civilization.
10.
The people of the Indus Valley Civilization first produced cotton, which is
called "Syndam" in Greek and it was derived from Sindh.
11.
The people of Indus Valley Civilization produced wheat and barley on a large
scale. Other crops grown by him were pulses, paddy, cotton, dates, melons,
peas, sesame and mustard.
12.
Among the known animals of this period were ox, sheep, buffalo, goat, boar,
elephant, dog, cat, donkey and camel.
13.
The most important animal of this civilization was the "no hump ox"
or "one horned rhinoceros".
14.
During this civilization, external and internal trade was in advanced stage,
but payment was made through "barter system".
15.
The people of this civilization had automatically developed a weight and
measurement system, which was in the ratio of 16.
16.
Burial or burning of dead bodies was done in the north-south direction.
17.
The most artistic work of the Harappan culture is the "seals of
rock-cut". The Harappan carpet script was pictorial but has not yet been
read. In this script, the first line was written from right to left and the
second line from left to right. This style is called boustrophedon.
18.
The Indus Valley Civilization has also found traces of "Swastika".
19.
It is known through the idols that during the Indus Valley Civilization, Mother
Goddess (Matri Devi or Shakti) was worshiped. Apart from this, evidence of
worship of "vagina" (female sexual organ) has also been found.
20.
The main male deity of this period was "Pashupati Mahadev", ie Lord
of animals (Adya-Shiva). Whose shape is found on a seal obtained by excavation.
A male in this figure is seated in Yogamudra and surrounded by four animals
(elephant, tiger, rhinoceros and buffalo). Apart from this, two deer stand near
their feet. During the Indus Valley Civilization, "Shivling" was also
widely worshiped.
21.
The main occupations of the people of this period were "spinning",
"weaving", "making boats", "making gold
jewelery", "making pottery" and "making seals".
-----------------------------------------------------------------------------------------------------
सिन्धु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) का संक्षिप्त विवरण
यहाँ हम सिन्धु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|
सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की चार प्रारम्भिक सभ्यताओं (मेसोपोटामिया या सुमेरियन सभ्यता, मिस्र सभ्यता और चीनी सभ्यता) में से एक है|
1. यह सभ्यता कांस्य युग (ताम्रपाषाण काल) के अंतर्गत आता है|
2. इस सभ्यता का विस्तार पश्चिम में बलूचिस्तान तक, पूर्व में आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश) तक, दक्षिण में दाइमाबाद (महाराष्ट्र) तक और उत्तर में मंदा (जम्मू-कश्मीर) तक था|
3. इस सभ्यता में किसानों और व्यापारियों का प्रभुत्व था जिसके कारण इस सभ्यता को कृषि-वाणिज्यिक सभ्यता के रूप में जाना जाता है|
4. इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि 1921 में सर्वप्रथम हड़प्पा नामक स्थान पर ही दयाराम साहनी की देखरेख में खुदाई के माध्यम से इस सभ्यता की खोज की गई थी|
5. रेडियोकार्बन डेटिंग के आधार पर सिंधु घाटी सभ्यता का काल 2500-1750 ईसा पूर्व के आसपास निर्धारित किया गया है|
6. इस सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता इसकी “नगर योजना” थी| इस सभ्यता के दौरान शहरों को दो भागों दुर्ग (शासक वर्ग द्वारा अधिकृत) और निचले शहर (आम लोगों का निवास स्थान) में विभाजित किया गया था|
7. धौलावीरा इस सभ्यता का एकमात्र स्थल है जहाँ शहर को तीन भागों में विभाजित किया गया था|
8. चहुन्दरो एकमात्र ऐसा शहर था जहाँ दुर्ग नहीं थे|
9. इस सभ्यता में नगर योजना “ग्रिड प्रणाली” पर आधारित थी| इस सभ्यता के लोग भवन निर्माण के लिए पके हुए ईंटों को इस्तेमाल करते थे| इसके अलावा नालियों का उत्तम प्रबंध, किलाबन्द दुर्ग और लोहे के औजारों की अनुपस्थिति इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं थी|
10. सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों ने सर्वप्रथम कपास का उत्पादन किया था जिसे ग्रीक भाषा में “सिनडम” कहा जाता है और यह सिंध से प्राप्त हुआ था|
11. सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग बड़े पैमाने पर गेहूं और जौ का उत्पादन करते थे| उनके द्वारा उगाये जाने वाले अन्य फसल दाल, धान, कपास, खजूर, खरबूजे, मटर, तिल और सरसों थे।
12. इस काल के ज्ञात पशुओं में बैल, भेड़, भैंस, बकरी, सूअर, हाथी, कुत्ता, बिल्ली, गधा और ऊंट प्रमुख थे।
13. इस सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण पशु “बिना कूबड़ वाले बैल” या “एक सींग वाला गैंडा” था|
14. इस सभ्यता के दौरान बाह्य और आंतरिक व्यापार विकसित अवस्था में था, लेकिन भुगतान “वस्तु-विनिमय प्रणाली” द्वारा होता था|
15. इस सभ्यता के लोगों ने स्वतः ही वजन और माप प्रणाली विकसित की थी, जो 16 के अनुपात में थी|
16. शवों को दफनाने या जलाने का काम उत्तर-दक्षिण दिशा में किया जाता था|
17. हड़प्पा संस्कृति की सबसे कलात्मक कृति “शैलखड़ी की मुहरें” हैं| हड़प्पा कालीन लिपि चित्रात्मक थी लेकिन अभी तक इसे पढ़ा नहीं जा सका है| इस लिपि में पहली पंक्ति दाएं से बाएं ओर और दूसरी पंक्ति बाएं से दाएं ओर लिखी जाती थी| इस शैली को सर्पलेखन (Boustrophedon) कहा जाता है।
18. सिन्धु घाटी सभ्यता की खुदाई से “स्वस्तिक” के निशान भी मिले हैं|
19. मूर्तियों के माध्यम से पता चलता है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान देवी माँ (मातृदेवी या शक्ति) की पूजा होती थी| इसके अलावा “योनि” (महिला यौन अंग) के पूजा के सबूत भी मिले हैं|
20. इस काल के प्रमुख पुरुष देवता “पशुपति महादेव” अर्थात पशुओं के भगवान (आद्य-शिव) थे| जिनकी आकृति खुदाई से प्राप्त एक मुहर पर मिली है| इस आकृति में एक पुरुष योगमुद्रा में बैठे हुए हैं एवं चार जानवर (हाथी, बाघ, गैंडा और भैंस) से घिरे हुए हैं| इसके अलावा उनके पैरों के पास दो हिरण खड़े हैं| सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान “शिवलिंग” की पूजा भी व्यापक रूप से होती थी|
21. इस काल के लोगों का मुख्य व्यवसाय “कताई”, “बुनाई”, “नाव बनाना”, “सोने के आभूषण बनाना”, “मिट्टी के बर्तन बनाना” और “मुहरें बनाना” था|
0 Comments
If you any question then ask me in comment section